Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2024 · 1 min read

मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है

मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
जितना कि मछली को पकड़ने वाला
काँटा मछली के लिए
~अंसार एटवी

98 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
💐प्रेम कौतुक-401💐
💐प्रेम कौतुक-401💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
नीची निगाह से न यूँ नये फ़ित्ने जगाइए ।
Neelam Sharma
🌿⚘️प्राचीन  मंदिर (मड़) ककरुआ⚘️🌿
🌿⚘️प्राचीन मंदिर (मड़) ककरुआ⚘️🌿
Ms.Ankit Halke jha
If I become a doctor, I will open hearts of 33 koti people a
If I become a doctor, I will open hearts of 33 koti people a
Ankita Patel
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
पूर्वार्थ
आप जितने सकारात्मक सोचेंगे,
आप जितने सकारात्मक सोचेंगे,
Sidhartha Mishra
जनता के हिस्से सिर्फ हलाहल
जनता के हिस्से सिर्फ हलाहल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
3059.*पूर्णिका*
3059.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
NSUI कोंडागांव जिला अध्यक्ष शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana
NSUI कोंडागांव जिला अध्यक्ष शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana
Bramhastra sahityapedia
■ निर्णय आपका...
■ निर्णय आपका...
*Author प्रणय प्रभात*
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
"भीमसार"
Dushyant Kumar
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*क्यों बुद्ध मैं कहलाऊं?*
*क्यों बुद्ध मैं कहलाऊं?*
Lokesh Singh
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
Keshav kishor Kumar
!..................!
!..................!
शेखर सिंह
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
Kuldeep mishra (KD)
मेघों का मेला लगा,
मेघों का मेला लगा,
sushil sarna
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
आईने में ...
आईने में ...
Manju Singh
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
Ravi Prakash
"वो हसीन खूबसूरत आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी कम न हो
कभी कम न हो
Dr fauzia Naseem shad
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*** चल अकेला.......!!! ***
*** चल अकेला.......!!! ***
VEDANTA PATEL
Loading...