Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द

न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की दुश्वारियां।
कट रही है ठाट से हाथ फैलाने से गर, जागकर मैं क्यूं खरीदूं सैंकड़ों बीमारियां।।

1 Like · 21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
నీవే మా రైతువి...
నీవే మా రైతువి...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
3289.*पूर्णिका*
3289.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरे इश्क़ में थोड़े घायल से हैं,
तेरे इश्क़ में थोड़े घायल से हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
AJAY AMITABH SUMAN
जोड़ तोड़ सीखा नही ,सीखा नही विलाप।
जोड़ तोड़ सीखा नही ,सीखा नही विलाप।
manisha
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
* करते कपट फरेब *
* करते कपट फरेब *
surenderpal vaidya
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
गर्मी
गर्मी
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
तिमिर है घनेरा
तिमिर है घनेरा
Satish Srijan
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नजरिया-ए-नील पदम्
नजरिया-ए-नील पदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
पूर्वार्थ
दो शब्द
दो शब्द
Dr fauzia Naseem shad
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
श्रृंगार
श्रृंगार
Neelam Sharma
दो हज़ार का नोट
दो हज़ार का नोट
Dr Archana Gupta
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
manjula chauhan
Dr . Arun Kumar Shastri - ek abodh balak
Dr . Arun Kumar Shastri - ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
sushil sarna
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
क्रिसमस से नये साल तक धूम
क्रिसमस से नये साल तक धूम
Neeraj Agarwal
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
ऐ ज़िन्दगी ..
ऐ ज़िन्दगी ..
Dr. Seema Varma
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
चलो मतदान कर आएँ, निभाएँ फर्ज हम अपना।
चलो मतदान कर आएँ, निभाएँ फर्ज हम अपना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...