Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।

गज़ल

2122/2122/2122
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
भूखे प्यासे जूझते हैं हर कमी से।1

कुछ करो जो गम के मारे मुस्कुराएं,
कुछ पलो को दूर होकर बेबसी से।2

क्या करेंगे ले के सूरज चांद यारो,
जिंदगी कटती रहे बस सादगी से।3

दर्द-ओ-गम देकर ही जाएं जो हमेशा,
दूर रखिए उनको अपनी जिंदगी से।4

हम फ़क़ीरों की यही दौलत रही है,
प्यार है हमको हमारी बेखुदी से।5

अपने ही खुश हो रहे थे मौत देकर,
हम तो जिंदा दोस्तों औ’र दोस्ती से।6

एक पल संभव नहीं रुक जाएं ‘प्रेमी’,
प्रेम के सुर जब निकलते बांसुरी से।7

……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" मैं कांटा हूँ, तूं है गुलाब सा "
Aarti sirsat
2444.पूर्णिका
2444.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अच्छा लगने लगा है !!
अच्छा लगने लगा है !!
गुप्तरत्न
दीवाली
दीवाली
Nitu Sah
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
हमने भी ज़िंदगी को
हमने भी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
बोल
बोल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
सत्य कुमार प्रेमी
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय प्रभात*
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कभी कभी भाग दौड इतना हो जाता है की बिस्तर पे गिरने के बाद कु
कभी कभी भाग दौड इतना हो जाता है की बिस्तर पे गिरने के बाद कु
पूर्वार्थ
अनुभूति
अनुभूति
Pratibha Pandey
"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
Pooja Singh
"स्वार्थ"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
टूटा हूँ इतना कि जुड़ने का मन नही करता,
टूटा हूँ इतना कि जुड़ने का मन नही करता,
Vishal babu (vishu)
बिडम्बना
बिडम्बना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
Shashi kala vyas
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
Neeraj Agarwal
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
कोहरा और कोहरा
कोहरा और कोहरा
Ghanshyam Poddar
सब पर सब भारी ✍️
सब पर सब भारी ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पिता
पिता
Swami Ganganiya
*धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)*
*धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...