Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को

आओ करें हम अर्चन वंदन, वीरों के बलिदान को
हंसते-हंसते लुटा गए जो, मातृभूमि पर प्राण को
स्वप्न लिए आजादी का जो, लाठी डंडा खाते थे
सीने पर गोली खाते थे, वंदे मातरम गाते थे
मातृभूमि के लिए समर्पित, उस अमूल्य अवदान को
आओ करें हम अर्चन वंदन, वीरों के बलिदान को
हंसते-हंसते लुटा गए जो, मातृभूमि पर प्राण को
एक तरफ थी गोरी पलटन, एक तरफ बलिदानी
एक तरफ साम्राज्य था सारा, एक तरफ स्वाभिमानी
नहीं झुकाया तिरंगा प्यारा, ऐसे वीर महान को
आओ करें हम अर्चन वंदन, वीरों के सम्मान को
हंसते-हंसते लुटा गए जो, मातृभूमि पर प्राण को
ढेर यातना सह कर भी, वीरों ने हार न मानी
फांसी और जेलों के डर से, मांग न अपनी त्यागी
पहन बसंती चोला गाया, ऐंसे गीत महान को
आओ करें हम अर्चन वंदन, वीरों के बलिदान को
हंसते-हंसते लुटा गए जो, मातृभूमि पर प्राण को
१८५७ से४७ तक, अगणित वीर शहीद हुए
उनके शुभ बलिदानों से हम, धरती पर आजाद हुए
शत् शत् नमन करें हम मिलकर, ऐंसे अमर जवान को
आओ करें हम अर्चन वंदन, वीरों के बलिदान को
हंसते-हंसते लुटा गए जो, मातृभूमि पर प्राण को

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
1 Like · 21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
साथी है अब वेदना,
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
अखंड भारत कब तक?
अखंड भारत कब तक?
जय लगन कुमार हैप्पी
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
जिंदगी के साथ साथ ही,
जिंदगी के साथ साथ ही,
Neeraj Agarwal
अनेक मौसम
अनेक मौसम
Seema gupta,Alwar
गौरैया
गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
Rajesh Kumar Arjun
मोल नहीं होता है देखो, सुन्दर सपनों का कोई।
मोल नहीं होता है देखो, सुन्दर सपनों का कोई।
surenderpal vaidya
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
मैं फक्र से कहती हू
मैं फक्र से कहती हू
Naushaba Suriya
नहीं हूँ अब मैं
नहीं हूँ अब मैं
gurudeenverma198
सरस रंग
सरस रंग
Punam Pande
स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस
Dr Archana Gupta
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
#सामयिक ग़ज़ल
#सामयिक ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
"कहीं तुम"
Dr. Kishan tandon kranti
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
Ravi Prakash
आधार छन्द-
आधार छन्द- "सीता" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
Neelam Sharma
पता ही नहीं चलता यार
पता ही नहीं चलता यार
पूर्वार्थ
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रिश्तों को कभी दौलत की
रिश्तों को कभी दौलत की
rajeev ranjan
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
Chunnu Lal Gupta
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
3392⚘ *पूर्णिका* ⚘
3392⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
फ़ासले जब भी
फ़ासले जब भी
Dr fauzia Naseem shad
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
यदि कोई केवल जरूरत पड़ने पर
यदि कोई केवल जरूरत पड़ने पर
नेताम आर सी
Loading...