Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2022 · 1 min read

क्या रह गया है अब शेष जो

क्या रह गया है अब शेष जो, मुझसे मिलेगा इस बार में।
क्या नहीं दिया अब तक तुमको, जो चाहते हो इस प्यार में।।
क्या रह गया है अब——————।।

यकीन मैंने तुमको दिलाया, विश्वास मुझ पर बेशक कर तू।
तुमसे दगा मैं नहीं करने वाला, बेशक मुझसे बेखौफ रह तू।।
वादा तुमसे कब नहीं निभाया, चाहते हो तुम जो इजहार में।
क्या रह गया है अब———————।।

मुझको पसंद क्या नहीं है तेरा,जिसकी शिकायत करते हो तुम।
नाराज हूँ तेरी किस बात से मैं, कहना जो मुझसे चाहते हो तुम।।
कब साथ तेरा नहीं दिया जो,चाहते हो तुम जो इकरार में।
क्या रह गया है अब —————————–।।

ये ख्वाब मेरे किसके लिए है, चिराग मैंने क्यों ऐसे जलाये।
यह धन कमाया किसके लिए है, गुल क्यों चमन में ये महकाये।।
तुमको दिया नहीं क्या हक मैंने, चाहते हो अब जो इस प्यार में।
क्या रह गया है अब ——————————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्वयंसिद्धा
स्वयंसिद्धा
ऋचा पाठक पंत
उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा
उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा
कवि दीपक बवेजा
आइए मोड़ें समय की धार को
आइए मोड़ें समय की धार को
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
अध्यात्म का शंखनाद
अध्यात्म का शंखनाद
Dr.Pratibha Prakash
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
राम
राम
Suraj Mehra
इश्क
इश्क
SUNIL kumar
वासुदेव
वासुदेव
Bodhisatva kastooriya
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
शोभा कुमारी
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
बेचारे हाथी दादा (बाल कविता)
बेचारे हाथी दादा (बाल कविता)
Ravi Prakash
मोहब्बत का ज़माना आ गया है
मोहब्बत का ज़माना आ गया है
Surinder blackpen
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
मन तो बावरा है
मन तो बावरा है
हिमांशु Kulshrestha
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मेरी जान ही मेरी जान ले रही है
मेरी जान ही मेरी जान ले रही है
Hitanshu singh
विश्वास की मंजिल
विश्वास की मंजिल
Buddha Prakash
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
व्यंग्य कविता-
व्यंग्य कविता- "गणतंत्र समारोह।" आनंद शर्मा
Anand Sharma
झूठी है यह सम्पदा,
झूठी है यह सम्पदा,
sushil sarna
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Shivkumar Bilagrami
जीत से बातचीत
जीत से बातचीत
Sandeep Pande
तेरी यादों के आईने को
तेरी यादों के आईने को
Atul "Krishn"
जुनून
जुनून
नवीन जोशी 'नवल'
सोशलमीडिया की दोस्ती
सोशलमीडिया की दोस्ती
लक्ष्मी सिंह
"सपने"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
Sanjay ' शून्य'
Loading...