Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2023 · 2 min read

Best ghazals of Shivkumar Bilagrami

शिवकुमार बिलगरामी की बेहतरीन ग़ज़लें
——————

ग़ज़ल – एक

हमदर्द कैसे – कैसे हमको सता रहे हैं
कांटों की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं

मैं भी समझ रहा हूं मजबूरियों को उनकी
दिल का नहीं है रिश्ता फिर भी निभा रहे हैं

भटका हुआ मुसाफ़िर अब रास्ता न पूछे
कुछ लोग हैं यहां जो सबको चला रहे हैं

पलकें चढ़ी ये आंखें जो नींद को तरसतीं
सपने मगर किसी के इनको जगा रहे हैं

मग़रूर आप क्यों हैं हर बात में नहीं क्यों
अब आप फ़ायदा कुछ बेजा उठा रहे हैं

ग़ज़ल -2

मुलाक़ातें ज़रूरी हैं अगर रिश्ते निभाने हैं
नहीं तो ख़ास रिश्ते भी किसी दिन टूट जाने हैं

ज़रूरी काम हैं इतने कि फुर्सत ही नहीं मिलती
तुम्हारे ये बहाने तो न मिलने के बहाने हैं

अभी से मत उजाड़ो तुम गुलों के इन बग़ीचों को
अभी तो इन बग़ीचों के गुलों में रंग आने हैं

गिले-शिकवे तुम्हें भी हैं, गिले-शिकवे हमें भी हैं
हमें अपने दिलों से अब गिले-शिकवे मिटाने हैं

अभी से मत कहो तुम अलविदा,अच्छा नहीं लगता
अभी हमको मुहब्बत के हज़ारों गीत गाने हैं

ग़ज़ल – तीन

अगर होती ख़ुशी तुमको तो क्या तुमको न ग़म होते
ख़ुशी होती तो ख़ुश होते ख़ुशी से ग़म न कम होते

सितमगर को कहाँ परवा है अपने की, पराए की
अगर हम पर नहीं होते तो तुम पर ये सितम होते

तेरे जल्वों से ख़ुश हूँ मैं, ख़ुशी दुगुनी ये होती तब
अगर मुझ पर हक़ीक़त में तेरे रहम-ओ-करम होते

भरम में अब पड़ा हूँ मैं कि क्या तुम भी न अपने हो
अगर हँसकर मिले होते तो क्योंकर ये भरम होते

चलो अच्छा हुआ यह तो यहाँ कुछ लोग अपने हैं
अगर अपने न होते तुम बड़ी मुश्किल में हम होते

ग़ज़ल – चार

घर उजड़ने का न दिल में मलाल तुम रखना
दूर जाते हो तो अपना ख़याल तुम रखना

मेरी दुनिया का है क्या ये बसी बसी न बसी
अपनी दुनिया की मगर देखभाल तुम रखना

तुमको याद आएंगे सबके बुझे बुझे चेहरे
अपने चेहरे को मगर बाजमाल तुम रखना

किसलिए छोड़ के आए हो सरजमीं अपनी
दिल के कोने में कहीं ये सवाल तुम रखना

— शिवकुमार बिलगरामी

Language: Hindi
1 Like · 329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पंचांग (कैलेंडर)
पंचांग (कैलेंडर)
Dr. Vaishali Verma
मर्यादा   की   तोड़ते ,
मर्यादा की तोड़ते ,
sushil sarna
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
बुरे फँसे टिकट माँगकर (हास्य-व्यंग्य)
बुरे फँसे टिकट माँगकर (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
"आँखें तो"
Dr. Kishan tandon kranti
बच्चों की परीक्षाएं
बच्चों की परीक्षाएं
Dhirendra Singh
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
Nazir Nazar
मेघों की तुम मेघा रानी
मेघों की तुम मेघा रानी
gurudeenverma198
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
पत्नी की पहचान
पत्नी की पहचान
Pratibha Pandey
- रिश्तों को में तोड़ चला -
- रिश्तों को में तोड़ चला -
bharat gehlot
3158.*पूर्णिका*
3158.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साइड इफेक्ट्स
साइड इफेक्ट्स
Dr MusafiR BaithA
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
Jitendra Chhonkar
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
Neelam Sharma
दिन ढले तो ढले
दिन ढले तो ढले
Dr.Pratibha Prakash
खुशी(👇)
खुशी(👇)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वक़्त के साथ खंडहर में
वक़्त के साथ खंडहर में "इमारतें" तब्दील हो सकती हैं, "इबारतें
*प्रणय प्रभात*
चन्द्रयान अभियान
चन्द्रयान अभियान
surenderpal vaidya
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
पूर्वार्थ
* संस्कार *
* संस्कार *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अच्छे समय का
अच्छे समय का
Santosh Shrivastava
शक्ति स्वरूपा कन्या
शक्ति स्वरूपा कन्या
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...