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25 Jul 2023 · 1 min read

“क्या बाँट रहे हम?”

स्वार्थ का लेप लगाकर
बनावटे अस्त्र-शस्त्र
अनवरत् भांजते हुए,
हड़ताल, घेराव, जुलूस के
डरावने जाल-जंजाल
हर रोज फेंकते हुए,
छल, कपट, षडयंत्र के
ठण्डे कमरे में बैठकर
अपनी ही जड़ें काट रहे हम,
पता नहीं नई पीढ़ी को
क्या बाँट रहे हम?

-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
वर्ष 2023 के लिए
साहित्य और लेखन के क्षेत्र में
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
6 Likes · 5 Comments · 133 Views
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