Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2020 · 1 min read

“समय की पुकार” (सामयिक रचना)

स्वस्थ रहें सुरक्षित रहेंगे,घर ही अब मौज़ ठिकाना।
धार्मिक नगरी घर को समझो,पढ़ें यहीं वेद कुराना।
कोरोना राक्षस हारेगा,दूरी को कवच बनाना।
कर जोड़ नमस्ते करना सब,हाथ भूलके न मिलाना।

जाति धर्म काम नहीं आता,कोरोना यही सिखाता।
मानवता है सर्वोपरि इक,संकट भी मुँह की खाता।
मंदिर मस्ज़िद भी हारें हैं,शिक्षा अस्पताल जीते।
ज़्यादा धन इनपर लगता तो,कोरोना मारा जाता।

ऊँँच नीच भेदभाव पीछे,कोरोना इनसे आगे।
लेकर शिक्षा भारतवासी,नवजीवन को अब जागे।
जीतेंगे बाजी पक्का है,पर ये जीत नयी होगी।
भूलेंगे ना मिलके जीते,मिलके ही रहना आगे।

असली नायक डटे हुए हैं,फ़र्ज़ निभाएं अपना हैं।
कोरोना मुक़्त बने भारत,इन सबका यह सपना है।
स्वास्थ्य विभाग सलाम तुम्हें है,असली नायक तुम ही हो।
सेवा में जीवन दाँव लगा,पीछे अब ना हटना है।

दानी ज्ञानी बुद्धिजीव हर,जैसा जिससे बनता है।
सेवा को तत्पर हर कोई,अब तो मुझको दिखता है।
नेता अभिनेता जनरक्षक,अधिकारी अटल खड़े हैं।
हर भारतवासी चौकन्ना,अपनी किस्मत लिखता है।

कोरोना जिद्दी है तो क्या?इसकी ज़िद भी तोड़ेंगे।
नियमों का पालन करके हम,इसका सिर भी फोड़ेंगे।
संकट आए कितने हमपर,हमने बाजी जीती है।
कोरोना तेरी खैर नहीं,तुमको अब ना छोड़ेंगे।

सरकारें बैठ विचारें यें,समझे हर भारतवासी।
अस्पताल भरे मरीज़ों से,सूने हैं काबा काशी।
मंदिर मस्ज़िद झगड़ा छोड़ो,आज अयोध्या बोले है।
अस्पताल हो तो हँस दूँगी,दूर करूँ मौत उदासी।

(ताटंक छंद)

?आर.एस.प्रीतम?

Language: Hindi
311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
प्रकाश
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों  के नाम भी होते हैं 
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों  के नाम भी होते हैं 
Atul "Krishn"
बलिदानियों की ज्योति पर जाकर चढ़ाऊँ फूल मैं।
बलिदानियों की ज्योति पर जाकर चढ़ाऊँ फूल मैं।
जगदीश शर्मा सहज
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
Diwakar Mahto
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
शांति चाहिये...? पर वो
शांति चाहिये...? पर वो "READY MADE" नहीं मिलती "बनानी" पड़ती
पूर्वार्थ
"जोड़-घटाव"
Dr. Kishan tandon kranti
"Multi Personality Disorder"
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
लग़ज़िशें दिल ये कर नहीं सकता,
लग़ज़िशें दिल ये कर नहीं सकता,
Dr fauzia Naseem shad
"ओट पर्दे की"
Ekta chitrangini
अकेलापन
अकेलापन
Shashi Mahajan
खूब तमाशा हो रहा,
खूब तमाशा हो रहा,
sushil sarna
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
संत रविदास!
संत रविदास!
Bodhisatva kastooriya
1🌹सतत - सृजन🌹
1🌹सतत - सृजन🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
हरवंश हृदय
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
अंसार एटवी
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सच तो यही हैं।
सच तो यही हैं।
Neeraj Agarwal
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
Ranjeet kumar patre
थप्पड़ एक किसान का खाकर
थप्पड़ एक किसान का खाकर
Dhirendra Singh
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
शेखर सिंह
..
..
*प्रणय*
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
कवि रमेशराज
सफलता की फसल सींचने को
सफलता की फसल सींचने को
Sunil Maheshwari
*खुशियों की सौगात*
*खुशियों की सौगात*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मिलते हैं...
मिलते हैं...
ओंकार मिश्र
Loading...