Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2023 · 1 min read

हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!

हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!

सवाल कुछ भी हो, हर सवाल का जवाब देंगे हम!!
–wadi

2 Likes · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जी रहे है तिरे खयालों में
जी रहे है तिरे खयालों में
Rashmi Ranjan
जय अयोध्या धाम की
जय अयोध्या धाम की
Arvind trivedi
एक कतरा प्यार
एक कतरा प्यार
Srishty Bansal
🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹
🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹
umesh mehra
जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
Shankar N aanjna
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
ड्रीम-टीम व जुआ-सटा
Anil chobisa
बहुजन दीवाली
बहुजन दीवाली
Shekhar Chandra Mitra
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
पेट लव्हर
पेट लव्हर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
बुद्धिमान बनो
बुद्धिमान बनो
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह
Ranjeet kumar patre
*राधा जी आओ खेलो, माधव के सॅंग मिल होली (गीत)*
*राधा जी आओ खेलो, माधव के सॅंग मिल होली (गीत)*
Ravi Prakash
किताब का दर्द
किताब का दर्द
Dr. Man Mohan Krishna
कौन है जिम्मेदार?
कौन है जिम्मेदार?
Pratibha Pandey
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
Vishal babu (vishu)
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
Mahendra Narayan
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
Dr fauzia Naseem shad
2331.पूर्णिका
2331.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
“मंच पर निस्तब्धता,
“मंच पर निस्तब्धता,
*Author प्रणय प्रभात*
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
अनूप अम्बर
चेहरे की तलाश
चेहरे की तलाश
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
कवि दीपक बवेजा
****शिरोमणि****
****शिरोमणि****
प्रेमदास वसु सुरेखा
मणिपुर कौन बचाए..??
मणिपुर कौन बचाए..??
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...