Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2021 · 3 min read

कोरोना काल में पत्रकारों की मनोदशा

भारत में कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर हैं। भारत में तेजी से बढ़ता कोरोना मरीजों का ग्राफ चिंता का विषय हैं। भारत में अगर पत्रकारों की चर्चा की जाये तो वर्तमान में पत्रकार वर्ग अपनी जान हथेली पर लेकर जन चेतना का कार्य कर रहा है। कोरोना काल में कई पत्रकारों ने जान गवाईं तो कही पत्रकारों ने नौकरी से हाथ धोना पड़ा हैं।

कोरोना से अब तक कई पत्रकारों की मौत हो चुकी हैं। इण्डिया टूडे ग्रुप के नीलांशु शुक्ला , टीवी पत्रकारिता के जाने माने नाम रोहित सरदाना और ग्रुप के अन्य पत्रकार इसकी चपेट में आ गए है। अन्य पत्रकारों की बात करे तो अमृत मोहन, पांडुरंग रायकर आदि अन्य पत्रकारों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई।

पत्रकारों के लिये पत्रकारिता करते समय समाजिक दूरी बनाना मुश्किल होता है। मिसाल के तौर पर बात की जाये तो प्रवासी मजदूरों का पलायन का वक्त हो या चाहे किसान आन्दोलन का समय हो पत्रकार अपनी जान पर खेलकर रिपोर्टिंग की और उनकी बातों को आम जन तक पहुँचाया।

यह बात साफ है कि पत्रकारों के लिये संक्रमण का खतरा है लेकिन कई लोगों के लिए रोजगार जाने का खतरा उससे भी बड़ा है। कोरोना महामारी से कारोबार ठंडा पड़ा तो मीडिया संस्थानों की कमाई पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा। तकरीबन सभी टीवी चैनलों और अखबारों ने वेतन में कटौती की। कई संस्थानों ने स्टाफ कज छंटनी भी की। जाहिर है कि नौकरी जाने का तनाव हर किसी के दिमाग में होता है।

कुछ अन्य चुनौतीयों का रिपोर्टिंग के समय सामना करना पड़ता हैं। कोरोना महामारी के दौरान पुलिस द्वारा पत्रकारों के दमन के कई मामले समाने आये हैं। खासतौर पर छोटे शहर के पत्रकारों व संस्थानों पर जैसे की बनारस के एक अखबार ने खबर छापी कि मुसहर समुदाय द्वारा घास की रोटीयां खाने पर रेपॉर्ट हो या प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिये गए गाँव में “भुखमरी की झूठी खबर” छापने के आरोप में एफ आई आर हुई की हो। इसी तरह हिमाचल प्रदेश से भी कोरोना लॉक डाउन के दौरान पत्रकारों के दमन और डराने धमाकाने की खबरे आईं। मिसाल के तौर पर हिमाचल प्रदेश में छह पत्रकारों के खिलाफ 10 मामले इसलिए दर्ज किए गए क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार की अचानक तालाबंदी के कारण फंसे हुए प्रवासी कामगारों के बीच फैल रही भुखमरी, और स्थानीय प्रशासन की खामियों के बारे में समाचार प्रकाशित किए।

आईपीआई के कोविड-19 प्रेस फ्रीडम ट्रैकर के अनुसार अब तक विश्व भर में 600 से अधिक ऐसे मामले उजागर हुए हैं इनमें या तो प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन हुआ है या फिर पत्रकारों पर शारीरिक हमले या जरूरत से ज्यादा सख़्त कार्रवाइयाँ हुई हैं। दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा उल्लंघन और हमले भारत में हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारत में 84 मामले सामने आए। विभिन्न कानूनों के तहत भारत में 56 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया, या उनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। इसके अलावा 23 पत्रकार हमलों के शिकार हुए। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अनुसार जनवरी 2021 में पत्रकारों पर 15 से अधिक हमले हुए और यह सभी हमले तब हुए जब पत्रकार कोरोना संक्रमण के दौर में ही चल रहे किसान आंदोलन कवर करने गए थे।

आपको बता दें कि भारत के कुछ राज्यों ने पत्रकारों को को फ़्रंट लाईन वर्कर माना है या दूसरे शब्दों में कहे तो कोरोना वोरियर्स माना हैं। इन राज्यों की सूची में उड़ीसा, मध्यप्रदेश,कर्नाटक, पं.बंगाल व पंजाब आदि राज्यों ने घोषित किय हैं। मध्यप्रदेश सरकारा ने अधिमान्य पत्रकारों को प्राथमिकता देते हुये मुफ्त में कोरोना वेक्सीन लगाने की घोषणा की है। उड़ीसा सरकार ने भी पत्रकरों को बीमा और वेक्सीन की घोषणा की है। झारखंड ने 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन लगाने की बातें कही गई है। पर प्रश्न वहीं आ कर खड़ा होता है जो अधिमान्य पत्रकार नहीं है उनके बारे में देश की सरकारें क्या सोचती हैं। वह पत्रकार अपनी जान पर खेल कर रिपोर्टिंग कर रहे है।

©️अक्षय दुबे
ग्वालियर म प्र

Language: Hindi
Tag: लेख
297 Views

You may also like these posts

मेरी पावन मधुशाला
मेरी पावन मधुशाला
Rambali Mishra
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
Taj Mohammad
धोखे का दर्द
धोखे का दर्द
Sanjay ' शून्य'
होश में आओ
होश में आओ
अनिल कुमार निश्छल
नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
Ravi Prakash
बहुरंगी नारियाँ
बहुरंगी नारियाँ
indu parashar
मैं सोच रही थी...!!
मैं सोच रही थी...!!
Rachana
हो कहीं न कहीं ग़लत रहा है,
हो कहीं न कहीं ग़लत रहा है,
Ajit Kumar "Karn"
"There comes a time when you stop trying to make things righ
पूर्वार्थ
गंगा के समान तीर्थ, माता के तुल्य गुरु, भगवान् विष्णु के सदृश देवता तथा सीतायण से बढ़ कर कोई श्रेष्ठ वस्तु नहीं है।
गंगा के समान तीर्थ, माता के तुल्य गुरु, भगवान् विष्णु के सदृश देवता तथा सीतायण से बढ़ कर कोई श्रेष्ठ वस्तु नहीं है।
श्रीहर्ष आचार्य
राहें
राहें
Shashi Mahajan
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
Rj Anand Prajapati
पिता के जाने के बाद स्मृति में
पिता के जाने के बाद स्मृति में
मधुसूदन गौतम
"मुलाजिम"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
डॉ. दीपक बवेजा
तू दूरबीन से न कभी ढूँढ ख़ामियाँ
तू दूरबीन से न कभी ढूँढ ख़ामियाँ
Johnny Ahmed 'क़ैस'
चन्द्रयान मिशन
चन्द्रयान मिशन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
04/05/2024
04/05/2024
Satyaveer vaishnav
"नींद की तलाश"
Pushpraj Anant
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
स्वागत !
स्वागत !
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
क्या विरासत में
क्या विरासत में
Dr fauzia Naseem shad
देव अब जो करना निर्माण।
देव अब जो करना निर्माण।
लक्ष्मी सिंह
ये जिन्दगी तुम्हारी
ये जिन्दगी तुम्हारी
VINOD CHAUHAN
आदि  अनंत  अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हम हारते तभी हैं
हम हारते तभी हैं
Sonam Puneet Dubey
2771. *पूर्णिका*
2771. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
Loading...