Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

कुआँ

सदियों बीते ज़माने में
ज़मीं की खुदाई से,
ईंट पत्थर से बना , जल से भरा,
गोलाकार आकृति का,

कुआँ बनाया जाता था
नहाने , कपड़े , बर्तन
रोज़मर के कामों में
कुएँ का जल काम आता था

बाल्टी अपनी धुन में
रिसक -२ कर नीचे जाती,
गहराई में डुबकी लगाकर
उड़ाल उड़ेल जल भर
वापस वो आती

अपनी -२ बाल्टी संग
कुँए के पास ढेर जमाती
सभी महिलायें ख़ूब बतियाती
बच्चों को स्नान कराती

शहरीकरण की छाया में
लुप्त हुए कुएँ के स्थानो को
अब कूड़ों के ढेरों ने घेर लिया

गाँव के कुँए में
स्वच्छ जल
अब कहा से हम पाए।।

Language: Hindi
34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कछुआ और खरगोश
कछुआ और खरगोश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2830. *पूर्णिका*
2830. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मेरे सरकार आते हैं (सात शेर)*
*मेरे सरकार आते हैं (सात शेर)*
Ravi Prakash
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
*प्रणय प्रभात*
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
VINOD CHAUHAN
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
Phool gufran
सही ट्रैक क्या है ?
सही ट्रैक क्या है ?
Sunil Maheshwari
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
होली के हुड़दंग में ,
होली के हुड़दंग में ,
sushil sarna
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
हिंदी का सम्मान
हिंदी का सम्मान
Arti Bhadauria
20)”“गणतंत्र दिवस”
20)”“गणतंत्र दिवस”
Sapna Arora
Tlash
Tlash
Swami Ganganiya
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
निर्मल भक्ति
निर्मल भक्ति
Dr. Upasana Pandey
भीम के दीवाने हम,यह करके बतायेंगे
भीम के दीवाने हम,यह करके बतायेंगे
gurudeenverma198
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
सत्य कुमार प्रेमी
सूरज की किरणों
सूरज की किरणों
Sidhartha Mishra
तब गाँव हमे अपनाता है
तब गाँव हमे अपनाता है
संजय कुमार संजू
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
बुढ्ढे का सावन
बुढ्ढे का सावन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
Neelam Sharma
मैं मधुर भाषा हिन्दी
मैं मधुर भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
It always seems impossible until It's done
It always seems impossible until It's done
Naresh Kumar Jangir
कविता
कविता
Rambali Mishra
तारीख
तारीख
Dr. Seema Varma
हमें सलीका न आया।
हमें सलीका न आया।
Taj Mohammad
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
Loading...