किशोरावस्था और आजादी
इस अवस्था में किशोरों को लगता है!
हम सही और समझदार हैं, हम आजादी के हक़दार हैं।
हम ही तो अब कर्णधार हैं, हम खुद ही जीवन के आधार हैं।।
हम जो करे वही सही हैं, हमारे बड़ो को कुछ ज्ञान नही हैं।
हम कच्चे नही पके पडे हैं, हमारे समक्ष क्यो बड़े खडे हैं।।
बुरा ना मानो ये फ़ितरत होती, उम्र यही जहा नादानी होती।
समय के रहते प्रेम प्यार से, मार्ग सही वो राह दिखाओ।।
किशोर सही रूप मे क्या हैं?
किशोर ऊर्जा की परिचायक, किशोर जोश के हैं धारक।
किशोर भविष्य हैं देश-धर्म के, किशोर तो रक्षक राष्ट्र-धर्म के।।
किशोर आन अभिमान कुटुंब के, किशोर मान सम्मान राष्ट्र के।
किशोर ही तो पहचान बनाते, किशोर जगत मे स्वाभिमान राष्ट्र के।।
किशोर को क्या देना हैं?
किशोरावस्था ही ग्रहण कराती, संस्कार समझ और सारांश जगत का।
किशोरावस्था ही प्रेरित करती, बनना क्या है निश्चित करती।।
किशोरावस्था की प्रेरणा हममे, राम कृष्ण और भरत बनाती।
किशोरावस्था की शिक्षा हमको, प्रताप, शिवा और वीर बनाती।।
किशोरावस्था का मार्गदर्शन ही, झांसी की रानी और अहिल्याबाई होलकर बनाती।
किशोरावस्था की शत्रु माँ और किशोरावस्था की मित्र भी माँ हैं।।
किशोरावस्था का ज्ञान भी माँ और किशोरावस्था का अज्ञान भी माँ हैं।
किशोरावस्था ही निर्धारित करती, माँ का तुम पर प्रभाव ही क्या हैं।।
किशोरावस्था वो नाजुक दौर है, समझो पंछी के पंख उगे हैं।
किशोरावस्था अनमोल बहुत हैं, समझो जीवन का सार यही हैं।।