कितने दिन बीत गए पापा
शीर्षक:कितने दिन बीत गए पापा
न जाने अनगिनत दिन बीत गए
आपसे रूबरू हुए कैसे हुआ ये कि आपकी बिटिया
आपसे क्षणभर भी अलग नही होती थी
तकदीर का लिखा देखो आज जी रही हैं आपके बिन
खुद से रूबरू ही न हुई जाने कब से
कुछ कहा ही नहीं अपने बारे में
कहती भी किससे को हैं जो आप सा हो
कैसे आप दूर हो गए मुझसे
सुना ही नहीं वर्षो से आपको
एक लंबा समय हो गया आपसे मिले
धड़कन बढ़ जाती हैं अचानक ही आपकी याद में
लगता है जैसे शरीर मे जान ही नही रही
अजीब सी हलचल मन में होती हैं क्या हुआ
आप बिछुड़ गए क्यो अकेले पन का शोर होता हैं भीतर
बस शोर सुनाई पड़ रहा हर ओर कि मैं अनाथ हूँ
एक लंबे अरसे से बस यही प्रश्न लिए कि
क्या आपने सोचा कि कितने दिन बीत गए पापा
मुझसे अलग हुए बताएंगे कभी सूक्ष्म शरीर से
मेरे स्वप्न में कभी आकर आखिर क्यों..?
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद