*कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है【 मुक्तक 】*
कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है【 मुक्तक 】
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यहाँ मिलजुल के रहते सब, यहाँ हर एक सुर में है
यहाँ पर भस्म गाँधी की, बसी जनता के उर में है
शहर है सभ्यता का यह, यहाँ की बोलियाँ मीठी
कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है
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उर = हृदय ,दिल
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451