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2 May 2024 · 1 min read

चांद ठहर जाओ

रात के चांद
आसमान में ठहर जाओ
सुबह मत होने दो
ठंडी पुरवाई चल रही है
यादों की बारिश हो रही है
शबनमी मौसम की सुगबुगाहट हो
रही है
खुद की खुद के दिल से हो रही बातों की
बुदबुदाहट हो रही है
दिल के दरवाजे पर
हल्की हल्की सी आहट हो रही है
ख्वाब के आईने में उतरती
किसी शोख अदा के जिंदा होने की
गुजारिश हो रही है
ख्वाबों में आना
कहीं बीच राह
बिछड़ मत जाना कि
तुम्हारे खैरमकदम करने की
आज की रात
मेरे घर की
दुल्हन के अनुपम सौंदर्य से
सजी सेज पर मिलने की
तैय्यारी हो रही है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
2 Likes · 72 Views
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