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25 Jan 2024 · 1 min read

प्रेम

प्रेम एक लगन है ,
इसमें रहते प्रेमी मगन हैं ,

यह हृदय से हृदय का स्पंदन है ,
यह बुझाए ना बुझे वह अगन है ,

यह एक सतत चिंतन है ,
यह एक गूढ़ मंथन है ,

यह एक भावातिरेक समर्पण है ,
यह दो आत्माओं का परस्पर मिलन है ,

जिसे ईश्वर भी विच्छिन्न न कर पाएं ,
ऐसा जन्म जन्मांतर का अटूट बंधन है।

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