Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

कविता

सकते जैसी हालत है क्यों?
क्यों तीखे लगे सवाल कहो!
शब्द भाव क्यूं लगें नुकीले?
क्यूँ कथनी लगे करवाल अहो!
रक्तिम रचनाओं का कारण,
हैं ज़ख्म ‘हमारी’ मोहब्बत के।
शब्द तुम्हें बस,दिखते क्यों हैं?
क्यूँ दिखते न अश्रु गालों पर!
तेरी खंजर जैसी बातें चुभती
मेरे गहरे दिल के छालों पर।

ग़म की स्याही से भर डाला,
मेरे कोरे मन का पन्ना-पन्ना।
तेरी घातों के दो पाटों में,
बन अन्न घुन पिस गए हम बन्ना!
तेरी खातिर हमने मारी
इच्छा चाहत तमन्ना।
फिर कैसे तेरा मन सूखा-सूखा,
कहो कैसे सूखी प्रसन्ना?
शब्द तुम्हें बस,दिखते क्यों हैं?
क्यूँ दिखते न अश्रु गालों पर!
तेरी खंजर जैसी बातें चुभती
मेरे गहरे दिल के छालों पर।

विरह भट्ठी में तो मैं हूँ साजन,
मेरे शब्दों में है ज्वाला।
शम्मा बन मैं जलती आई,
तुमने भोगी सुख की हाला।
महज़ कविता के भावों से,
तुमने खुद को टूटा माना।
बिलख रही मैं हर पल हर क्षण,
कभी व्यथा मेरी को न पहचाना!
शब्द तुम्हें बस,दिखते क्यों हैं?
क्यूँ दिखते न अश्रु गालों पर!
तेरी खंजर जैसी बातें चुभती
मेरे गहरे दिल के छालों पर।

कायनात के रोने का हाय!
भय तुम्हें आज सताता है।
मेरा पैरों में तेरे गिरकर रोना,
क्या तुम्हें याद नहीं आता है।
रीते मेरे ख्वाब सभी
ग़म से बोझिल मेरी कविता।
यादें तुम्हारी चील बन नोचें,
नहीं भूल मैं पाऊँ जो बीता।
शब्द तुम्हें बस,दिखते क्यों हैं?
क्यूँ दिखते न अश्रु गालों पर!
तेरी खंजर जैसी बातें चुभती
मेरे गहरे दिल के छालों पर।

नीलम शर्मा ✍️

Language: Hindi
1 Like · 27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मूलमंत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल -
ग़ज़ल -
Mahendra Narayan
मेरी अर्थी🌹
मेरी अर्थी🌹
Aisha Mohan
देवों की भूमि उत्तराखण्ड
देवों की भूमि उत्तराखण्ड
Ritu Asooja
*मृत्यु : पॉंच दोहे*
*मृत्यु : पॉंच दोहे*
Ravi Prakash
आसमाँ के परिंदे
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
भारत हमारा
भारत हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मनुष्य तुम हर बार होगे
मनुष्य तुम हर बार होगे
Harish Chandra Pande
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2285.
2285.
Dr.Khedu Bharti
माँ की करते हम भक्ति,  माँ कि शक्ति अपार
माँ की करते हम भक्ति, माँ कि शक्ति अपार
Anil chobisa
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तहरीर लिख दूँ।
तहरीर लिख दूँ।
Neelam Sharma
मनुष्य और प्रकृति
मनुष्य और प्रकृति
Sanjay ' शून्य'
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
Shankar N aanjna
ना समझ आया
ना समझ आया
Dinesh Kumar Gangwar
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
Sonit Parjapati
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
जय लगन कुमार हैप्पी
मैं नारी हूं
मैं नारी हूं
Mukesh Kumar Sonkar
करवा चौथ
करवा चौथ
Er. Sanjay Shrivastava
तुम भी तो आजकल हमको चाहते हो
तुम भी तो आजकल हमको चाहते हो
Madhuyanka Raj
@ !!
@ !! "हिम्मत की डोर" !!•••••®:
Prakhar Shukla
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
DrLakshman Jha Parimal
उलझा रिश्ता
उलझा रिश्ता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
पैसा होय न जेब में,
पैसा होय न जेब में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...