Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

भारत हमारा

भारत हमारा

प्यारा भारत देश हमारा
सबसे सुंदर सबसे प्यारा।
इसके खेतों की हरियाली
लाते जीवन में खुशहाली।
कल-कल कर बहते झरने
सबके मन को हैं ये हरते।
नदी, वृक्ष, पशु-पक्षी सारे
यही तो हैं जीवन के सहारे।
इसके ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखर
गौरव की गाथाएँ हैं उन पर।
इसके विशाल, गंभीर सागर
करते हैं हमारे यश उजागर।
—————————–
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
गाछ सभक लेल
गाछ सभक लेल
DrLakshman Jha Parimal
आलस्य का शिकार
आलस्य का शिकार
Paras Nath Jha
कुछ ख़त्म करना भी जरूरी था,
कुछ ख़त्म करना भी जरूरी था,
पूर्वार्थ
रैन  स्वप्न  की  उर्वशी, मौन  प्रणय की प्यास ।
रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास ।
sushil sarna
#आज_का_दोहा
#आज_का_दोहा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
Peace peace
Peace peace
Poonam Sharma
बोर्ड परीक्षा में सुधार के उपाय
बोर्ड परीक्षा में सुधार के उपाय
Ravi Prakash
नादानी
नादानी
Shaily
हां मैं दोगला...!
हां मैं दोगला...!
भवेश
संसार में
संसार में
Brijpal Singh
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
ऋतु गर्मी की आ गई,
ऋतु गर्मी की आ गई,
Vedha Singh
*हिम्मत जिंदगी की*
*हिम्मत जिंदगी की*
Naushaba Suriya
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वो खुशनसीब थे
वो खुशनसीब थे
Dheerja Sharma
" मिलकर एक बनें "
Pushpraj Anant
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
जहां हिमालय पर्वत है
जहां हिमालय पर्वत है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
gurudeenverma198
चंद्रयान
चंद्रयान
Mukesh Kumar Sonkar
2583.पूर्णिका
2583.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मौज में आकर तू देता,
मौज में आकर तू देता,
Satish Srijan
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
Anis Shah
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
Neelam Sharma
फिर जनता की आवाज बना
फिर जनता की आवाज बना
vishnushankartripathi7
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...