कविता :– ऐसी आज दिवाली हो ॥॥
कविता :– ऐसी आज दिवाली हो ॥
चाहत के बाजार सजे हों ।
दिल के पावन द्वार सजे हों ।
हर घर हो दीपक सा रोशन ,
हर सपने साकार सजे हों ॥
चैन अमन हो,
सज्जन मन हो ,
सत्य शपथ की थाली हो ।
ऐसी आज दिवाली हो ।
रिश्ते जन जन को हों प्यारे।
रोटी के भी हक हो सारे ।
होठों पर मुस्कान पली हो ,
खुशियों की हर दाल गली हो ।
नई किरण से ,
खिला चमन हो ,
दूर सभी की बदहाली हो ।
ऐसी आज दिवाली हो ॥
अनुज तिवारी “इंदवार”