करवा चौथ
करवा चौथ पर्व उड़ाता हैं नोट
पति बेचारे के उड़ाता यह होश
साल में आए यदि यह बार बार
पति की नही ना बच पाए पगार
भरतार दीर्घायु का होता है पर्व
दीवाली पूर्व दिवाले का यह पर्व
सजती संवरतीहै,रखती हैं वर्त
खरीदारी की पूरी करती है शर्त
कुछ दिन पूर्व दे देती हैं हवाला
पति श्री का निकालती दिवाला
मित्रों संग दो घूंट मय है लगाता
हूरे नजर से नशा उतर है जाता
वनिता कदम बाजार को जाते
भर्ता कदम घर को हैं निकलते
पत्नी मुख फूला नहीं है समाता
पति बैचारा रहता है तमतमाता
खरीदे सूट गर दुपट्टा मिल जाता
नया सूट खरीद सबब बन जाता
लिपस्टिक बिंदी सजावट सामग्री
रहती ना शेष आवश्यक सामग्री
364 दिन होते हैं पत्नी के वर्ष में
एक दिन पति का है पूरे खर्च में
निकले ना चाँद पति की इज्ज़त
पत्नी की वर्षभर होती है इज्ज्त
खर्चा भारी चाहे हो जाए दुबारा
करवा आए साल में फिर दुबारा
करवा चौथ पर्व उड़ाता है नोट
पति बैचारे के उड़ाता यह होश
सुखविंद्र सिंह मनसीरत