Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

क्या -दीया जलाना मना है

क्या_दीया_जलाना_मना_है
************************
आगे सघन घना अँधेरा है
कुछ सूझ नहीं रहा है -अब,
साया भी समा रहा अपने में,
मन भी डूब रहा है अब इस
सघन घने अँधेरे में,
क्या, दीया जलाना मना है?
तारे जो चमक रहे थे ,कल तक
बिखर रही थी धवल चाँदनी,
जाने वो सब कहाँ खो गये
इस सघन घने अँधेरे में,
क्या, दीया जलाना मना है?
जलते दीपक की ज्योति से,
दूर भागता तम भी उससे,
होने को विलीन तिमिर में,
और दिखाता राह सदा,
भटके हुए राही को,
इस गहन अँधेरे से,
अब भी,
क्या, दीया जलाना मना है?

शशि कांत श्रीवास्तव
डेराबस्सी मोहाली, पंजाब
©स्वरचित मौलिक रचना
16-02-2024

1 Like · 42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शशि कांत श्रीवास्तव
View all
You may also like:
हजार आंधियां आये
हजार आंधियां आये
shabina. Naaz
*आदत बदल डालो*
*आदत बदल डालो*
Dushyant Kumar
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
पूर्वार्थ
"रात यूं नहीं बड़ी है"
ज़ैद बलियावी
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
अधूरा प्रयास
अधूरा प्रयास
Sûrëkhâ Rãthí
#अग्रिम_शुभकामनाएँ
#अग्रिम_शुभकामनाएँ
*Author प्रणय प्रभात*
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
_सुलेखा.
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
DrLakshman Jha Parimal
पहला अहसास
पहला अहसास
Falendra Sahu
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ए दिल मत घबरा
ए दिल मत घबरा
Harminder Kaur
अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं।
अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं।
Manisha Manjari
रिटर्न गिफ्ट
रिटर्न गिफ्ट
विनोद सिल्ला
*मृत्यु : चौदह दोहे*
*मृत्यु : चौदह दोहे*
Ravi Prakash
23/214. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/214. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
gurudeenverma198
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
bharat gehlot
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची  हैं उड़ाने,
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची हैं उड़ाने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
फितरत ना बदल सका
फितरत ना बदल सका
goutam shaw
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
சூழ்நிலை சிந்தனை
சூழ்நிலை சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
ये बेकरारी, बेखुदी
ये बेकरारी, बेखुदी
हिमांशु Kulshrestha
No battles
No battles
Dhriti Mishra
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
* मुस्कुराते हुए *
* मुस्कुराते हुए *
surenderpal vaidya
सुरसरि-सा निर्मल बहे, कर ले मन में गेह।
सुरसरि-सा निर्मल बहे, कर ले मन में गेह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...