Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

एक नयी पहचान

सुनो आदर्श औरत
थक नहीं गयी क्या तुम
आदर्श होने का बोझ ढोते ढोते ?
सुंदर,सुशील, सुसंस्कृत, सुघड़
इतने लबादों के नीचे दबे दबे
दम घुटता है तुम्हारा
मैं जानती हूँ।
लगा कर कमरे की कुंडी अंदर से ,
सर का पल्लू और तन की साड़ी
उतार फैंकती हो ।
पहन कर अपनी पसंद के कपड़े
अपने आप को शीशे मे
निहारती हो ।
मुस्कुराती हो…
और सराहती हो खुद को।
लगा कर म्यूजिक धीरे से
कि आवाज़ बाहर न निकल जाए
अपने मनपसंद गीत पर थिरकती हो
और साथ साथ गुनगुनाती हो।
कुंडी खोलते ही फिर ओढ़ लेती हो लबादे
अच्छी बेटी, अच्छी बहु, अच्छी पत्नी के।
सुनो स्त्री,
मत मारो अपने मन को इतना
मत घोंटो गला अपनी ख्वाहिशों का!
तोड़ डालो ये रूढ़ियाँ,गले सड़े रिवाज,
रिवाजों के नाम पर बजते बेसुरे ढोल।
रीतियों के नाम पर छीनी गयी
तुम्हारी आज़ादी, तुम्हारा अधिकार है।
पहनो ,जो पसंद है तुम्हें,जो आरामदेह है।
नाचो, गाओ,खिलखिलाओ
ठहाके लगाओ…
मत डरो बेअदब, बेहया,बेशर्म, बिंदास
कहलाने से।
मैं जानती हूँ कि अपनी महत्वाकांक्षाओं
का गला घोंटा है तुमने
अच्छी बनने के लिए।
लेकिन याद रखना
कि जिस दिन कैद कर के रखे गए
ख्वाहिशों के परिंदों में से
एक ने भी उड़ान भरी
तो छिन जाएगा तुम से
“अच्छे” होने का ताज।
इसलिए ऐ अच्छी औरत !
खोल दो ये पिंजरा
उड़ने दो उन्मुक्त
ख्वाहिशों के परिंदों को।
भरने दो उड़ान
छू लेने दो आसमान
अच्छी होने से इतर
अपने नाम को मिलने दो
एक नयी पहचान।
*** धीरजा शर्मा***

1 Like · 112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dheerja Sharma
View all
You may also like:
ज़िंदगी की चाहत में
ज़िंदगी की चाहत में
Dr fauzia Naseem shad
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रीत ऐसी जुड़ी की
प्रीत ऐसी जुड़ी की
Seema gupta,Alwar
**
**"कोई गिला नहीं "
Dr Mukesh 'Aseemit'
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ये
ये
Shweta Soni
🌸 आशा का दीप 🌸
🌸 आशा का दीप 🌸
Mahima shukla
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
manjula chauhan
क्यूं हो शामिल ,प्यासों मैं हम भी //
क्यूं हो शामिल ,प्यासों मैं हम भी //
गुप्तरत्न
कहां खो गए
कहां खो गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
चाय की दुकान पर
चाय की दुकान पर
gurudeenverma198
😢नारकीय जीवन😢
😢नारकीय जीवन😢
*प्रणय प्रभात*
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
Neelam Sharma
मुझे ना पसंद है*
मुझे ना पसंद है*
Madhu Shah
" वो क़ैद के ज़माने "
Chunnu Lal Gupta
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
प्रेम अटूट है
प्रेम अटूट है
Dr. Kishan tandon kranti
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Dushyant Kumar
मैं तो महज आवाज हूँ
मैं तो महज आवाज हूँ
VINOD CHAUHAN
वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं,
वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
गीता में लिखा है...
गीता में लिखा है...
Omparkash Choudhary
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
छोटे गाँव का लड़का था मैं
छोटे गाँव का लड़का था मैं
The_dk_poetry
जाति
जाति
Adha Deshwal
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
तुम इतने आजाद हो गये हो
तुम इतने आजाद हो गये हो
नेताम आर सी
Loading...