Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*

यह मुमकिन तो नहीं कि…
करूँ खुद को बयां शब्दों में,
लिख ना सकूंगी, एक भी लफ्ज़…
सिवाय अहसासों के।
झांकती हूँ जब- तब…
अपने गिरेबान में
खुद में ही सिमटी रहती हूँ…
जैसे हूँ मैं किसी के आगोश में।
पल पल बीतते..
यूँ ही दिन गुज़र रहे
जिंदगी आखिरी सफर में है…
अब मंजिल से मुलाक़ात में।
जिम्मेदारियों का बोझ…
जब कम हुआ कंधों पर
सोचा ” मधु” ने…
पन्नों सी सिमट जाऊँ अब मैं किताब में।

2 Likes · 2 Comments · 20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Shweta sood
View all
You may also like:
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
Keshav kishor Kumar
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
आप
आप
Bodhisatva kastooriya
क्रोध
क्रोध
Mangilal 713
गाए जा, अरी बुलबुल
गाए जा, अरी बुलबुल
Shekhar Chandra Mitra
धार्मिकता और सांप्रदायिकता / MUSAFIR BAITHA
धार्मिकता और सांप्रदायिकता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
SATPAL CHAUHAN
रम्भा की मी टू
रम्भा की मी टू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
Er. Sanjay Shrivastava
सच्ची होली
सच्ची होली
Mukesh Kumar Rishi Verma
शौक़ इनका भी
शौक़ इनका भी
Dr fauzia Naseem shad
आई होली आई होली
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
*भगवान के नाम पर*
*भगवान के नाम पर*
Dushyant Kumar
*मैं, तुम और हम*
*मैं, तुम और हम*
sudhir kumar
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
कितनी हीं बार
कितनी हीं बार
Shweta Soni
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
इरादा हो अगर पक्का सितारे तोड़ लाएँ हम
इरादा हो अगर पक्का सितारे तोड़ लाएँ हम
आर.एस. 'प्रीतम'
तेरा बना दिया है मुझे
तेरा बना दिया है मुझे
gurudeenverma198
समाज सेवक पुर्वज
समाज सेवक पुर्वज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
एकाकीपन
एकाकीपन
लक्ष्मी सिंह
*योग (बाल कविता)*
*योग (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
धर्म सवैया
धर्म सवैया
Neelam Sharma
कृतज्ञ बनें
कृतज्ञ बनें
Sanjay ' शून्य'
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
2393.पूर्णिका
2393.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...