Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

कुछ नया लिखना है आज

हर क्षण, हर पल,हर दिन
कुछ नयापन लेकर आता है!
ठीक उसी कागज की तरह,
जो एक तरफ से कोरा है।
हम स्वतंत्र हैं उतारने को
उस कोरे कागज पर,
अपने भावों की दुनिया,
अपने उन्मुक्त विचार!

पर मैं देखता हूं..
उभरे हुए कुछ निशान!
जो उसके दूसरी तरफ
पहले से लिखे शब्दों के हैं।
ये उभरे हुए निशान
उस कोरे कागज को
फिर से पुराना बना देते हैं
उसका नयापन छुपा देते हैं।

उस कोरे कागज पर,
पुराने लिखे के डर से
नया लिखने से पहले
हम रुक जाते हैं।
जो कोरे शब्द लिखने थे,
भावों की दुनिया और,
उन्मुक्त विचार लिखने थे,
उन्हें लिखना छोड़ देते हैं।

बस यही वो क्षण होते हैं,
जब हमारे रुक जाने से
हम पीछे रह जाते हैं,
बाकी सब आगे निकल जाते हैं!
और नए शब्दों की दुनिया को,
पुराने निशानों के डर से
उस कागज पर उतार नहीं पाते हैं!
हां,कुछ नया नहीं लिख पाते हैं।

ऐसे में हम, ना जगे तो
औरों से आगे ना बढ़े तो,
माफ़ कर ना पाएंगे
इतिहास लिख ना पाएंगे।
नया अगर नहीं लिख सके तो,
अतीत के फैले जाल से,
दो कदम आगे निकलकर
वर्तमान कैसे लायेंगे?

इसीलिए मैं कहता हूं कि
नए शब्दों की स्याही से,
भावों की अमिट गहराई से,
हर हाल में लिखना है आज!
जो उभर रहे हैं चिह्न पुराने
उन पर पूरी ताकत से
अपना अस्तित्व बनाने को
कुछ नया लिखना है आज!
कुछ नया लिखना है आज!!

@करन केसरा

Language: Hindi
1 Like · 24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
Anand Kumar
#तेवरी / #अफ़सरी
#तेवरी / #अफ़सरी
*Author प्रणय प्रभात*
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
Rituraj shivem verma
If We Are Out Of Any Connecting Language.
If We Are Out Of Any Connecting Language.
Manisha Manjari
सजि गेल अयोध्या धाम
सजि गेल अयोध्या धाम
मनोज कर्ण
वन को मत काटो
वन को मत काटो
Buddha Prakash
नौका को सिन्धु में उतारो
नौका को सिन्धु में उतारो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
फितरत अमिट जन एक गहना
फितरत अमिट जन एक गहना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"सच की सूरत"
Dr. Kishan tandon kranti
नाकामयाबी
नाकामयाबी
भरत कुमार सोलंकी
No battles
No battles
Dhriti Mishra
तुम मेरा साथ दो
तुम मेरा साथ दो
Surya Barman
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
Neeraj Agarwal
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2371.पूर्णिका
2371.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हार पर प्रहार कर
हार पर प्रहार कर
Saransh Singh 'Priyam'
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बेटी बेटा कह रहे, पापा दो वरदान( कुंडलिया )
बेटी बेटा कह रहे, पापा दो वरदान( कुंडलिया )
Ravi Prakash
खुद की अगर खुद से
खुद की अगर खुद से
Dr fauzia Naseem shad
जिनमें बिना किसी विरोध के अपनी गलतियों
जिनमें बिना किसी विरोध के अपनी गलतियों
Paras Nath Jha
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
Rj Anand Prajapati
आज़ादी का जश्न
आज़ादी का जश्न
Shekhar Chandra Mitra
वो तीर ए नजर दिल को लगी
वो तीर ए नजर दिल को लगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
कार्तिक नितिन शर्मा
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
सीसे में चित्र की जगह चरित्र दिख जाए तो लोग आइना देखना बंद क
सीसे में चित्र की जगह चरित्र दिख जाए तो लोग आइना देखना बंद क
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
पिता
पिता
Kanchan Khanna
Loading...