Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2023 · 1 min read

फितरत अमिट जन एक गहना

फितरत अमिट जन एक गहना

🥀🥀🙏🙏🌿🌷🌷

फितरत मतलब प्रकृति स्वभाव
प्रवृति मनोवृति आदत मिजाज

जिस पर टिकी सृष्टि की संसार
जीव जीवन की मनोवृति अपार

अवतरित विकास गोद में खेल
तीव्र गति कालचक्र जीवों को

परिस्थिति हालात से बदल देता
चाहे जो हो नहीं बदलने वाला

जीव जगत का इक फितरत जो
प्रसून गूलाब खिलता कांटो में

कितना सुन्दर मन भावन जो
सूल फाड़ चीर देता प्रसून तन

बिखर जाता कण कण में ये पर
खारों में विकसित हो कर फिर

सुंदरता से जन तन लुभाता मन
सूल बीच तोड़ चुभन वेदना छोड़

श्रृंगार सजाता हर नवयोवन जन
पर खार सूल मिजाज एक चुभन

श्रृंगार मन कब छोड़ पाता है इसे
यही मन इक अमिट फितरत जो

बदलने से जो नहीं बदला कभी
फितरत जन मन विविध अलग

वसुधैवकुटुम्बकम् एक मंत्र जो
प्रकृति प्रवृति मनोवृति आधार

जन जगत मन को पिरोता है जो
फिर भी मन माला न बन पाताहै

क्योंकि जन जन अलग फितरत
चाह कर भी ना बदल पाता इसे

समझ स्वभाव प्रवृति कीपहचान
कर्मवीर कर्मपथ पर चल अपना

विचार व्यवहार प्रकृति गहना से
सफ़र पूरा करना इक फितरतहै।

🌷🌷🌷🌵🌵🌵🌿🌿🌿

तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण

Language: Hindi
2 Likes · 94 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all
You may also like:
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
Rajni kapoor
मोबाइल भक्ति
मोबाइल भक्ति
Satish Srijan
*अविश्वसनीय*
*अविश्वसनीय*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
कवि दीपक बवेजा
मेरी मायूस सी
मेरी मायूस सी
Dr fauzia Naseem shad
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
वक्त  क्या  बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
वक्त क्या बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
मैं फकीर ही सही हूं
मैं फकीर ही सही हूं
Umender kumar
कोई नहीं करता है अब बुराई मेरी
कोई नहीं करता है अब बुराई मेरी
gurudeenverma198
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
VINOD CHAUHAN
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
Pooja Singh
💐प्रेम कौतुक-440💐
💐प्रेम कौतुक-440💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र"
Dr Meenu Poonia
अपनी समझ और सूझबूझ से,
अपनी समझ और सूझबूझ से,
आचार्य वृन्दान्त
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
Neelam Sharma
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
अवधी दोहा
अवधी दोहा
प्रीतम श्रावस्तवी
बरसात
बरसात
Bodhisatva kastooriya
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
शेखर सिंह
खोट
खोट
GOVIND UIKEY
"हमदर्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
23/119.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/119.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*उगा है फूल डाली पर, तो मुरझाकर झरेगा भी (मुक्तक)*
*उगा है फूल डाली पर, तो मुरझाकर झरेगा भी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
खेल,
खेल,
Buddha Prakash
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Sakshi Tripathi
Loading...