Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

“हमदर्दी”

“हमदर्दी”
हमदर्दी ना करो हमसे
ऐ मेरे हमदर्द,
दर्द से निजात मिले
वो रुख अख्तियार करो.

1 Like · 1 Comment · 26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
Suryakant Dwivedi
#रामपुर_के_इतिहास_का_स्वर्णिम_पृष्ठ :
#रामपुर_के_इतिहास_का_स्वर्णिम_पृष्ठ :
Ravi Prakash
परिश्रम
परिश्रम
Neeraj Agarwal
गाँव का दृश्य (गीत)
गाँव का दृश्य (गीत)
प्रीतम श्रावस्तवी
नसीब
नसीब
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिटिया और धरती
बिटिया और धरती
Surinder blackpen
"बड़ा सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
Phool gufran
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
Kanchan Khanna
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
ruby kumari
2732. 🌷पूर्णिका🌷
2732. 🌷पूर्णिका🌷
Dr.Khedu Bharti
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
shabina. Naaz
प्रेम
प्रेम
Ranjana Verma
आज
आज
Shyam Sundar Subramanian
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
पीताम्बरी आभा
पीताम्बरी आभा
manisha
दुनिया देखी रिश्ते देखे, सब हैं मृगतृष्णा जैसे।
दुनिया देखी रिश्ते देखे, सब हैं मृगतृष्णा जैसे।
आर.एस. 'प्रीतम'
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पंचचामर मुक्तक
पंचचामर मुक्तक
Neelam Sharma
यूँ मोम सा हौसला लेकर तुम क्या जंग जित जाओगे?
यूँ मोम सा हौसला लेकर तुम क्या जंग जित जाओगे?
'अशांत' शेखर
मेघ गोरे हुए साँवरे
मेघ गोरे हुए साँवरे
Dr Archana Gupta
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
it's a generation of the tired and fluent in silence.
it's a generation of the tired and fluent in silence.
पूर्वार्थ
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आएगी
इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आएगी
Ram Krishan Rastogi
......मंजिल का रास्ता....
......मंजिल का रास्ता....
Naushaba Suriya
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
The_dk_poetry
Loading...