Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2022 · 2 min read

“एंबुलेंस कर्मी”

“एंबुलेंस कर्मी”

हूटर की आवाज,
कभी आपने भी तो सुनी होगी।
बेवजह अनजान के लिए
दिल से दुआ की होगी।।
एंबुलेंस के हूटर की आवाज,
भागते दौड़ते,
बिना रुके,
स्ट्रैचर, ऑक्सीजन, ग्लुकोज,
टीके, दवाइयां, ड्रेसिंग, पट्टी,
आदि आदि,
न जाने क्या-क्या मैनेज करना पड़ता है।
सजग सचेत अलर्ट रहकर
हालात से लड़ना पड़ता है।।
आपातकाल में जब इंसान शून्य-सम हो जाता है।
भावनाओं को काबू रखना मुश्किल हो जाता है।।
हम कहां हैं?
कौन हैं?
क्या करना है?
कहां जाना है?
सब बिखरा बिखरा हो जाता है।
सब व्यस्त हो जाता है
घायल कोई कहीं कहराता है।।
तो-
हम हाजिर रहते हैं,
एक कॉल पर।
एक सजग प्रहरी की तरह,
हमारा कर्म है और फर्ज भी,
आप का प्राथमिक उपचार सुनिश्चित करना,
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर
बिना समय गवाएं पहुंचाना।।
हम कड़ी बनते हैं,
आपके टूटे सांसों की।
कोशिश करते हैं,
आपके और हमारे विश्वास को
मजबूत बनाने की।।
कई बार सुकून मिलता है,
अगर कुछ अच्छा कर सकें।
पर –
हालात भी कहाँ हर बार
अपने काबू के होते हैं।
बस- हम तो कर्म कर सकते हैं,
और दुआ कर सकते हैं।
सहारा बन सकते हैं,
जहां तक संभव हो।
हम एंबुलेंस कर्मी तैनात रहते हैं,
सेवा में तत्पर दिन-रात।
हम देखते हैं,
महसूस करते हैं,
जिंदगी को,
सांसो को।।
हम जीते हैं,
कभी खुशियों की किलकारी में,
जिंदगी की आशा में।
घुट जाते हैं, टूट जाते हैं,
मातम, कभी शोरगुल में,
कभी टूटती सांसे निराशा में।।
रिश्ता नहीं होता हर किसी से
बस लगाव हो जाता है।
हम दर्द महसूस करते हैं,
जब किसी को घाव हो जाता है।।
हम ड्यूटी से कहां कतराते हैं,
हम एंबुलेंस कर्मी हैं साहब,
हर वक्त दांव पर अपनी जान लगाते हैं।।
आपका भी शुक्रिया,
सलाम आपको।
जो सहायता के लिए अपना हाथ बढ़ाते हैं।
जान बचानी है बस यही सोचकर कदम बढ़ाते हैं।।
इंसानियत के फरिश्ते,
कहां किसी और दुनिया से आते हैं।
वो हम में से ही कोई हैं,
जो नेकी कर दरिया में बहाते हैं।।
सबका अच्छा हो,
सबका भला हो,
इंसानियत की जीत सदा हो,
नेक राह रब ने भी चुनी होगी।
हूटर की आवाज,
आपने भी तो सुनी होगी।
बेवजह किसी अनजान के लिए,
दिल से दुआ की होगी।।
एंबुलेंस के हूटर की आवाज……

-सुनील सैनी “सीना”,
राम नगर, रोहतक रोड़, जीन्द (हरियाणा)-126102.

3 Likes · 157 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जां से बढ़कर है आन भारत की
जां से बढ़कर है आन भारत की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
FUSION
FUSION
पूर्वार्थ
■ ढीठ कहीं के ..
■ ढीठ कहीं के ..
*प्रणय प्रभात*
गुलाबों का सौन्दर्य
गुलाबों का सौन्दर्य
Ritu Asooja
देखिए इतिहास की किताबो मे हमने SALT TAX के बारे मे पढ़ा है,
देखिए इतिहास की किताबो मे हमने SALT TAX के बारे मे पढ़ा है,
शेखर सिंह
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
Dr Archana Gupta
अनुगामी
अनुगामी
Davina Amar Thakral
कुछ याद बन
कुछ याद बन
Dr fauzia Naseem shad
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
gurudeenverma198
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
गंगा- सेवा के दस दिन (तीसरा दिन)- मंगलवार 18जून2024
Kaushal Kishor Bhatt
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
Ranjeet kumar patre
वो तो है ही यहूद
वो तो है ही यहूद
shabina. Naaz
हर किसी का एक मुकाम होता है,
हर किसी का एक मुकाम होता है,
Buddha Prakash
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
स्त्री सबकी चुगली अपने पसंदीदा पुरुष से ज़रूर करती है
स्त्री सबकी चुगली अपने पसंदीदा पुरुष से ज़रूर करती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है।
छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है।
Dr MusafiR BaithA
सबक
सबक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Winner
Winner
Paras Nath Jha
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
* सुनो मास्क पहनो दूल्हे जी (बाल कविता)*
* सुनो मास्क पहनो दूल्हे जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
लिपटी परछाइयां
लिपटी परछाइयां
Surinder blackpen
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
23/67.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/67.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बचपन
बचपन
संजय कुमार संजू
Loading...