*”उपवास”*
“उपवास”
व्रत उपवास पूजा अर्चना ,तीज त्यौहार।
रीति रिवाजों परम्पराओ से बंधे हुए, सुख समृद्धि शांति कामना के लिए उपवास।
अंतर्मन शुद्धि संयमित जीवन ,खुशहाली परिवार के लिए उपवास।
अन्न जल निराहार रहकर ,आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपवास।
वैभव धन दौलत संपत्ति ,सच्चिदानंद परमात्मा की शक्ति पाने के लिए उपवास।
आहार विहार संयमित ,शरीर को प्राण शक्ति जगाने के लिए उपवास।
परमेश्वर के दर्शन ईश्वर शक्ति से जुड़ने का सुखद एहसास लिए उपवास।
आस्था शक्ति विश्वास जगाने ,अंतर्मन उमंग उल्लास भरने के लिए उपवास।
जीवन के उतार चढ़ाव ,समस्याओं को सुलझाने के लिए उपवास।
आहार विहार नियम संयम ,अंतर्मन सहनशील बनाने के लिए उपवास।
मन मलीन विकार दूर करने ,शुचिता निश्छल मन साकार रखने के लिए उपवास।
मन कर्म वचनबद्ध तरीकों से परिपूर्ण लिए हुए निभाने के लिए उपवास।
कोई व्रत रखता कोई रखता रोजा इफ्तार ,
अंतर्मन में खुद को पहचानने ईश्चर को खोजने के कठिन साधना के लिए उपवास।
शशिकला व्यास