Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2022 · 1 min read

आया तू यहां पर तन्हा

आया तू यहां पर तन्हा,
जाएगा तू यहां से तन्हा।
जोड़ी है जो तूने दौलत,
रह जाएगी ये यहां तन्हा।।

बनाए थे मनसूबे रहने के यहां
मकान बनाए पक्के तूने यहां।
मिली थी दो गज जमीन यहां
सो गया था उसमें तू तन्हा।।

बुराई भलाई की थी तूने यहां,
अच्छे काम भी तूने किए यहां
बुरे काम भी तूने किए यहां
फिर भी रह गया तन्हा यहां।

आखरी सफ़र में जाएगा तन्हा
भले ही तेरे पीछे हो सारा जहां।
काफ़िला साथ चला तेरे साथ,
पर चलता रहा तब भी तन्हा।

चारों तरफ मुसाफ़िर ही मुसाफ़िर,
पर हर मुसाफ़िर जा रहा है तन्हा।
हर राह पर अब मुसाफ़िर है
पर राहे दिखती है अब तन्हा।

फैली कोरोना की महामारी यहां,
बन्द होकर रह गया तन्हा यहां।
निकल सका घर से बाहर कहीं,
तू मिल न सका किसी से यहां।।

मोहब्बत की थी जिससे यहां,
वो भी छोड़ गई है तुझे तन्हा।
इस तन्हाई में कैसे रहे जिंदा,
जो कभी न रही तुझसे तन्हा।

लिखा था जो कुछ मैंने यहां,
शायद रह रहा था मैं भी तन्हा
कलम ख़ुद पे ख़ुद चलती है,
जब बंदा होता है कभी तन्हा।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
"कुछ रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
*** हमसफ़र....!!! ***
*** हमसफ़र....!!! ***
VEDANTA PATEL
निहारा
निहारा
Dr. Mulla Adam Ali
रजनी कजरारी
रजनी कजरारी
Dr Meenu Poonia
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Sukoon
दिवाली त्योहार का महत्व
दिवाली त्योहार का महत्व
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
***संशय***
***संशय***
प्रेमदास वसु सुरेखा
बुलंदियों से भरे हौसलें...!!!!
बुलंदियों से भरे हौसलें...!!!!
Jyoti Khari
अतीत
अतीत
Bodhisatva kastooriya
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
सौरभ पाण्डेय
मर्यादा की लड़ाई
मर्यादा की लड़ाई
Dr.Archannaa Mishraa
*परियों से  भी प्यारी बेटी*
*परियों से भी प्यारी बेटी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अन्हारक दीप
अन्हारक दीप
Acharya Rama Nand Mandal
23/94.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/94.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रावण की हार .....
रावण की हार .....
Harminder Kaur
समाज और सोच
समाज और सोच
Adha Deshwal
चांद सितारों सी मेरी दुल्हन
चांद सितारों सी मेरी दुल्हन
Mangilal 713
जीवन का मुस्कान
जीवन का मुस्कान
Awadhesh Kumar Singh
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
तू सीमा बेवफा है
तू सीमा बेवफा है
gurudeenverma198
"" *भारत माता* ""
सुनीलानंद महंत
"Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed fo
पूर्वार्थ
मां (संस्मरण)
मां (संस्मरण)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मजबूत रिश्ता
मजबूत रिश्ता
Buddha Prakash
*** आप भी मुस्कुराइए ***
*** आप भी मुस्कुराइए ***
Chunnu Lal Gupta
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
गुमनाम 'बाबा'
अति-उताक्ली नई पीढ़ी
अति-उताक्ली नई पीढ़ी
*प्रणय प्रभात*
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
अगर ख़ुदा बनते पत्थर को तराश के
अगर ख़ुदा बनते पत्थर को तराश के
Meenakshi Masoom
Loading...