आप और हम
जिंदगी में आप और हम किरदार हैं।
समाज और देश के साथ ज़िम्मेदार हैं।
कविता और कहानी में समझदार हैं।
आप और हम जीवन में बार बार हैं।
सच तो आप और हम बाकी बेकार हैं।
अरे भाई दोस्त बुरा न मानो रिश्तेदार हैं।
आप और हम न पराये न अपने साथ हैं।
हां सच रंगमंच में हम सभी किरायेदार हैं।
नर नारी आप और हम सांसों के पार हैं।
आज कल बरसों के हमें इंतजार हैं।
सच एक बात आप और हम संसार हैं।
पल भर की पता नहीं बस बरसों तलबगार हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र