Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

आदमी की आँख

गाय के बच्चे की आँख
पैदा होने के तुरन्त बाद
बकरी के बच्चे की आँख
दो- तीन घण्टे बाद
बिल्ली के बच्चे की आँख
छह से आठ दिन बाद
कुतिया के बच्चे की आँख
दस से बारह दिन बाद
खुली हुई मिलती है,
जबकि आदमी की आँख तो
शादी के बाद ही खुलती है।

मेरी प्रकाशित कृति : ‘अमरबेल’ से
चन्द पंक्तियाँ।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति

1 Like · 1 Comment · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
"जगदलपुर"
Dr. Kishan tandon kranti
न शायर हूँ, न ही गायक,
न शायर हूँ, न ही गायक,
Satish Srijan
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अपनी तस्वीर
अपनी तस्वीर
Dr fauzia Naseem shad
सच बोलने की हिम्मत
सच बोलने की हिम्मत
Shekhar Chandra Mitra
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
रिश्तों की बंदिशों में।
रिश्तों की बंदिशों में।
Taj Mohammad
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"The Divine Encounter"
Manisha Manjari
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
किसान भैया
किसान भैया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
गूँगी गुड़िया ...
गूँगी गुड़िया ...
sushil sarna
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
घड़ियाली आँसू
घड़ियाली आँसू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
Buddha Prakash
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
Shakil Alam
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
2934.*पूर्णिका*
2934.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
किरायेदार
किरायेदार
Keshi Gupta
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
Godambari Negi
दोहे- माँ है सकल जहान
दोहे- माँ है सकल जहान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पेड़ लगाओ तुम ....
पेड़ लगाओ तुम ....
जगदीश लववंशी
पिता की नियति
पिता की नियति
Prabhudayal Raniwal
"वेश्या का धर्म"
Ekta chitrangini
Loading...