Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

किसान भैया

भैया किसान , सुनो रे भैया , अब न लगाओ आग
वायु प्रदूषण , न हो शोषण , वरना खेलनी पड़ेगी फाग
खेलनी पड़ेगी आग , व्यर्थ बह जाए पानी
कहे ओम कविराय , हर राज्य की यही कहानी
जीवन छोटा , जग बड़ा , सुनो मेरे किसान भैया

ओम प्रकाश भारती ओम्

1 Like · 511 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
करन ''केसरा''
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
दो अक्टूबर
दो अक्टूबर
नूरफातिमा खातून नूरी
महान क्रांतिवीरों को नमन
महान क्रांतिवीरों को नमन
जगदीश शर्मा सहज
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
शेखर सिंह
प्रयास जारी रखें
प्रयास जारी रखें
Mahender Singh
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
Ravi Prakash
■ इकलखोरों के लिए अनमोल उपहार
■ इकलखोरों के लिए अनमोल उपहार "अकेलापन।"
*Author प्रणय प्रभात*
2624.पूर्णिका
2624.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
फादर्स डे
फादर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Ajj bade din bad apse bat hui
Ajj bade din bad apse bat hui
Sakshi Tripathi
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
rekha mohan
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
नारी
नारी
Bodhisatva kastooriya
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
Neeraj Agarwal
पहाड़ पर बरसात
पहाड़ पर बरसात
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
हक़ीक़त पर रो दिया
हक़ीक़त पर रो दिया
Dr fauzia Naseem shad
मन बैठ मेरे पास पल भर,शांति से विश्राम कर
मन बैठ मेरे पास पल भर,शांति से विश्राम कर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बेकसूरों को ही, क्यों मिलती सजा है
बेकसूरों को ही, क्यों मिलती सजा है
gurudeenverma198
"माटी-तिहार"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-493💐
💐प्रेम कौतुक-493💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
Sanjay ' शून्य'
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
Loading...