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27 May 2024 · 1 min read

“आदत में ही”

“आदत में ही”
आदत में ही खामी है,
ओहदों को सलामी है।
हँसी में ही छुपी कहीं,
जख्मों की निशानी है।

2 Likes · 2 Comments · 94 Views
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