आत्म-बोध प्रकाश
आज प्रातः जब नींद से जागा तो
नवअनुभूति युक्त हुआ ,
अब तक मैं कर्तव्य- बोध युक्त था आज
स्व-बोध युक्त हुआ ,
मेरे मानस पटल पर मेरी सुप्त अभिलाषाएँ
जागृत हुईं ,
स्वयं से अनिभिज्ञ मेरी आकाक्षांएँ
पुनः सक्रिय हूईं ,
स्व- विषाद भुला परोपकार भाव आज
अर्थहीन प्रतीत हुआ,
आत्म-वंचना छद्म के प्रतिफल
स्व- दमन से आज मुक्त हुआ ,
आत्म-संज्ञान ऊर्जा संचरित
आत्म-बोध प्रकाश आज पुनः प्रस्फुटित हुआ।