Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2022 · 1 min read

असली नशा

हाथों में पकड़कर अपना गिलास
वो आज पीये जा रहे थे
देखकर झूमते मस्ती में उनको
हम भी तो जीये जा रहे थे

कुछ तो नशा चाहिए जीने के लिए
मुझसे कहे जा रहे थे
वो एक के बाद एक जाम धड़ाधड़
फिर पीये जा रहे थे

कैसे समझाता उनको ये बात
नशे में रहकर नशे का अहसास नहीं होता
उतर जायेगा जो महज़ चार घंटे में
वो कोई नशा नहीं होता

पड़कर देख कभी किसी के इश्क में
पीकर देख तू जाम इश्क का
उसका सुरूर कभी जाता नहीं है फिर
नशे के लिए काफी है नाम इश्क का

देखता है घंटों तक उसकी आंखों में
फिर भी उसका मन नहीं भरता
नशा इश्क का चढ़ता है जब एक बार
दोस्तों, फिर वो कभी नहीं उतरता

हो नशा शराब का या शबाब का
है वो दूध के उबाल सा
रहना चाहते हो नशे में हरपल तुम
करके देख लो नशा इश्क का

जान लो ये, है नहीं नशे में वो
जिसने पी रखी है शराब बहुत
थोड़ी देर के बाद वो तो उतर जायेगी
फिर उसको भी आएगी किसी की याद बहुत

शराब को साकी मापता है पैमाने से
नशे के लिए पैमाने की ज़रूरत नहीं होती
इश्क का नशा खुद ही हो जाता है
इसमें साकी की ज़रूरत भी नहीं होतीI

Language: Hindi
14 Likes · 3 Comments · 1307 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all

You may also like these posts

अपना कहे हम किसे, हम खुद ही बेगाने हो गये।
अपना कहे हम किसे, हम खुद ही बेगाने हो गये।
श्याम सांवरा
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सूर्ययान आदित्य एल 1
सूर्ययान आदित्य एल 1
Mukesh Kumar Sonkar
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
manjula chauhan
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
मदारी
मदारी
Satish Srijan
प्रतिभा  झोपड़ी  में कैद रहती
प्रतिभा झोपड़ी में कैद रहती
Acharya Shilak Ram
हमारी मंजिल
हमारी मंजिल
Diwakar Mahto
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
Dr fauzia Naseem shad
2503.पूर्णिका
2503.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
Shweta Soni
मन की प्रीती
मन की प्रीती
Dr.Pratibha Prakash
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है
Dr Archana Gupta
नव बहूँ
नव बहूँ
Dr. Vaishali Verma
कितना धार्मिक
कितना धार्मिक
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पहली बारिश मेरे शहर की-
पहली बारिश मेरे शहर की-
Dr Mukesh 'Aseemit'
Still I Rise!
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
#आधार छंद : रजनी छंद
#आधार छंद : रजनी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मैं दीपक बनकर जलता हूं
मैं दीपक बनकर जलता हूं
Manoj Shrivastava
सफलता एक वाहन है जो कर्म के पहियों पर चलती है लेकिन आत्मविश्
सफलता एक वाहन है जो कर्म के पहियों पर चलती है लेकिन आत्मविश्
ललकार भारद्वाज
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
shabina. Naaz
*अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)*
*अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" शबाब "
Dr. Kishan tandon kranti
#व्यंग्यकविता-
#व्यंग्यकविता-
*प्रणय*
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
डॉ. दीपक बवेजा
আফসোস
আফসোস
Pijush Kanti Das
रोना भी जरूरी है
रोना भी जरूरी है
Surinder blackpen
धन्यवाद
धन्यवाद
Rambali Mishra
जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता।
जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
बदलते भारत की तस्वीर
बदलते भारत की तस्वीर
Sudhir srivastava
Loading...