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2 Apr 2024 · 1 min read

“अवशेष”

ये नश्वर दुनिया
खत्म हो जाएगी एक दिन
मगर बची रह जाएगी
कुछ अवशेष
विशाल ब्रह्माण्ड की गोद में
क्योंकि रह नहीं सकती
वह पूरी तरह खाली
तब उसमें दिख जाएंगे
हमारे विचारों के अवशेष,
मैं चाहता हूँ
उसमें रहे कुछ-कुछ
प्रेम के भी अवशेष।

कुछ लिखे हुए खत
कलम और स्याही
साथ ही एक बाँसुरी
टूटे हुए हल
कूची और रंग,
बारूद की भी गन्ध।

कि देखने वाले जान जाए
साथ-साथ रहते हैं
युद्ध और शान्ति,
जिन्दगी और मौत की भाँति।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
श्रेष्ठ लेखक के रूप में
विश्व रिकॉर्ड में दर्ज।

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 174 Views
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