Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2024 · 1 min read

हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।

हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।

हमने रखा है हलाहल को गले में,
वासुकी को हमने है रस्सी बनाया,
सामने न इंद्र के घुटने टिके हैं,
हमने इक उंगली पे गोवर्धन उठाया,
विद्व जन मानव को छन भंगुर हैं कहते,
सदियों से हम लड़ रहे हैं तत्व तो है,
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।

शास्त्र कहते हैं कि हैं हनुमान अब भी,
अश्वत्थामा दाग लेकर घूमता है,
समय ने जिनको मिटाया है धरा से
आज भी इंसान उनको पूजता है,
सिर्फ मिट्टी से नहीं आकार पाया
उससे भी बढ़कर कहीं कुछ सत्व तो है,
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।

जो युगों पहले हुआ था घटित जग में,
आज भी उसकी ध्वनि है गूंजती है,
आज की दुनिया भी वे घटनाएं लेकर,
नीति नैतिकता के नियम गूंधती है,
सहस्त्र वर्षों में भी समयोचित अभी तक,
इस कथा में ठोस ऐसा तथ्य तो है,
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।

कुमार कलहंस।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
VINOD CHAUHAN
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
लक्ष्मी सिंह
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
सत्य कुमार प्रेमी
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
शेखर सिंह
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
महाकाल भोले भंडारी|
महाकाल भोले भंडारी|
Vedha Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
2318.पूर्णिका
2318.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कह कोई ग़ज़ल
कह कोई ग़ज़ल
Shekhar Chandra Mitra
माँ काली साक्षात
माँ काली साक्षात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Wakt ke pahredar
Wakt ke pahredar
Sakshi Tripathi
टूटे बहुत है हम
टूटे बहुत है हम
The_dk_poetry
आज़ाद हूं मैं
आज़ाद हूं मैं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
* वक्त की समुद्र *
* वक्त की समुद्र *
Nishant prakhar
କେବଳ ଗୋଟିଏ
କେବଳ ଗୋଟିଏ
Otteri Selvakumar
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दिल जीतने की कोशिश
दिल जीतने की कोशिश
Surinder blackpen
👉 सृष्टि में आकाश और अभिव्यक्ति में काश का विस्तार अनंत है।
👉 सृष्टि में आकाश और अभिव्यक्ति में काश का विस्तार अनंत है।
*Author प्रणय प्रभात*
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
AMRESH KUMAR VERMA
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जीवन दया का
जीवन दया का
Dr fauzia Naseem shad
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"चाँद को देखकर"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
Ahtesham Ahmad
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
नेताम आर सी
चुप
चुप
Ajay Mishra
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
gurudeenverma198
Loading...