“अभाव”
जब मेरी जेब में
रुपये नहीं होते
तो फिक्र नहीं करता।
जब मेरे साथ
कोई दोस्त नहीं होता
तो भी परवाह नहीं करता।
जब मेरे पास
कागज-कलम नहीं होते
तो भी आह नहीं भरता।
जब मेरे दिल में
कुछ नहीं होता
तब लगता कंगाल हूँ मैं।
प्रेम और अहसास के बिना
कौन कहेगा
मालामाल हूँ मैं।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड में दर्ज ।