अपराध
पहली बार अपराध करने पर अपराधी अपराध बोध से ग्रस्त होता है , इस प्रवृत्ति को दोहराए जाने पर यह मनोवृत्ति जीवन यापन का साधन बन जाती है , और अंत में अपराधिक प्रवृत्ति आदत का स्वरूप ले लेती है।
पहली बार अपराध करने पर अपराधी अपराध बोध से ग्रस्त होता है , इस प्रवृत्ति को दोहराए जाने पर यह मनोवृत्ति जीवन यापन का साधन बन जाती है , और अंत में अपराधिक प्रवृत्ति आदत का स्वरूप ले लेती है।