Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2023 · 1 min read

अन्तर

बचपन में जब हम
सूती कपड़ा पहनते थे
तब कुछ लोग
टेरीकॉट पहनते थे
बड़ा मन करता था
कि हम भी पहनें
लेकिन पिताजी कहते थे
इतना खर्च
हम कर नहीं सकते।

बड़े होकर हम
जब टेरीकॉट पहनने लगे
तब वे लोग
सूती कपड़े पहनने लगे।

सूती कपड़े महंगे हो गए
हम पहन नहीं सकते,
वजह हम अब
उतने खर्च कर नहीं सकते
सच में
जमाना बहुत बदल गया,
आखिरकार
अन्तर तो रह ही गया।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
बेस्ट पोएट ऑफ दी ईयर-2023

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 154 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

दोहा ग़ज़ल
दोहा ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
लेखक कि चाहत
लेखक कि चाहत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चंचल मोर सा मन
चंचल मोर सा मन
SATPAL CHAUHAN
4540.*पूर्णिका*
4540.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
कवि रमेशराज
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
बेटी का हक़
बेटी का हक़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
सपनों की उड़ान
सपनों की उड़ान
meenu yadav
आषाढ़ के मेघ
आषाढ़ के मेघ
Saraswati Bajpai
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*प्रणय*
माँ वीणावादिनी
माँ वीणावादिनी
Girija Arora
शीर्षक: स्वप्न में रोटी
शीर्षक: स्वप्न में रोटी
Kapil Kumar Gurjar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
यक्षिणी-24
यक्षिणी-24
Dr MusafiR BaithA
दोहे
दोहे
seema sharma
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
आज  कई  परेशानियों से घिरा हुआ इंसान।
आज कई परेशानियों से घिरा हुआ इंसान।
Ajit Kumar "Karn"
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
आनंदित जीवन
आनंदित जीवन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अधूरा नहीं
अधूरा नहीं
Rambali Mishra
औरों के लिए सोचना अब छोड़ दिया हैं ,
औरों के लिए सोचना अब छोड़ दिया हैं ,
rubichetanshukla 781
अच्छे करते मेहनत दिन-रात
अच्छे करते मेहनत दिन-रात
Acharya Shilak Ram
Keep On Trying!
Keep On Trying!
R. H. SRIDEVI
आज़ पानी को तरसते हैं
आज़ पानी को तरसते हैं
Sonam Puneet Dubey
पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में
पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में
gurudeenverma198
"सदाकत ए जहां"
ओसमणी साहू 'ओश'
चुनाव
चुनाव
Shashi Mahajan
चाबी घर की हो या दिल की
चाबी घर की हो या दिल की
शेखर सिंह
Loading...