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22 Jan 2024 · 1 min read

आनंदित जीवन

चेहरे की हंसी दिखावट सी हो गई है
असल जिंदगी भी बनावट सी हो गई है।
अनबन बढ़ती जा रही है अब रिस्तों में भी,
अपनों से भी अब बगावत सी हो रही है।।

मंजिल से दूरी बढ़ती ही जा रही है,
चलने पर अब थकावट सी हो रही है।
पहले ऐसा था नहीं जैसा हूं आजकल,
मेरी कहानी भी कहावत सी हो रही है।।

शब्द कम पड़ रहे हैं मेरी बातों में भी,
खामोशी की उसमे मिलावट सी हो रही है।
और मशवरे की आदत अब ना रही लोगो को
इल्तिजा से भी उनको शिकायत सी हो रही है।।

© अभिषेक पाण्डेय अभि

15 Likes · 1 Comment · 38 Views
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