“अजब-गजब मोहब्बतें”
दुनिया में क्या क्या नहीं करते लोग
औरों के भी सुकून के लिए,
कार्ल मार्क्स के पास पैसे नहीं थे
पाँच साल की बेटी के कफ़न के लिए।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चार बच्चे
इलाज के अभाव में स्वर्ग सिधारे,
क्या गजब की मुफलिसी थी हिस्से में उनके
पर जज्बा जिन्दा रखे हिम्मत न हारे।
लेनिन का भ्रातृत्व प्रेम भी अजीब रहा
जो अपने प्राणों की बाजी लगा दिए,
अपने भाई की मौत का बदला लेने को
रूस के जारशाही को मिट्टी में मिला दिए।
टीप : यह एक लम्बी रचना है। पुस्तक में पढ़कर
आप अनुप्राणित हुए बिना नहीं रह सकेंगे।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
हरफनमौला साहित्य लेखक।