हंसगति
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हंसगति
कुसुमित जग की डार, फले अरु फूले।
आशा पंख पसार, उड़े नभ छू ले।
सुखद सँदेशे रोज, चले घर आएँ।
बरसें सुख के मेघ, खुशी सब पाएँ।
© सीमा अग्रवाल
हंसगति
कुसुमित जग की डार, फले अरु फूले।
आशा पंख पसार, उड़े नभ छू ले।
सुखद सँदेशे रोज, चले घर आएँ।
बरसें सुख के मेघ, खुशी सब पाएँ।
© सीमा अग्रवाल