*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*

*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
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1
मनु-शतरूपा ने वर पाया
पुत्र-रूप में प्रभु की काया
जन्म लिया प्रभु ने भुज-चारी
परम ब्रह्म थे यह अवतारी
2
कौशल्या को नहीं सुहाया
मन में बाल-रूप था छाया
कहा तनिक शिशु बन कर आओ
बालक जैसा रूप दिखाओ
3
तब प्रभु ने नर देह दिखाई
बाल सुलभ लीला तब पाई
रूदन शिशु का दिया सुनाई
मॉं को यह सुंदर छवि भाई
4
दशरथ के ऑंगन में खेले
लगे देवताओं के मेले
कौवा कागभुशुंडी उड़ते
संग-संग नभ में यह मुड़ते
5
मुदित हुई कौशल्या माई
दशरथ ने नव-निधि ज्यों पाई
जन्म-जन्म की मिली कमाई
राम देख नगरी हर्षाई
6
त्रेता की घटना यह प्यारी
लीला थी नर-तन की सारी
दुष्टों के प्रभु थे संहारी
सज्जन के हित में अवतारी
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*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451