मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
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मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
ग्लोबल दुनिया हो गई, पैसे की है वूम
ठंड कड़ाके की बढ़ी,बर्फ की पड़ी फुहार
मौसम की इस धुंध से, धूप मान गई हार
ऐसे मौसम में हुआ, सन् चौबीस का आगाज
अपनी अपनी रूचि से,बजा रहे सब साज
सारी रेलें फुल हुईं,भर गए हबाई जहाज
होटल सारे बुक हुए, रेस्टोरेंट और लाज
कोई आउटिंग कर रहे, कहीं छलकते जाम
आगंतुकों से हो गए,हिल स्टेशन हैरान
कहने को कहते सभी, नहीं हमारा साल
खुद आंखों से देख लो, इस दुनिया का हाल
नववर्ष २०२४ समस्त मानव जाति को शुभ हो
मानव एवं मानवता पुष्ट हो।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी