मंजिलें भी दर्द देती हैं
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मंजिलें भी दर्द देती हैं
वो इंसान की नींद छीन लेती है
वो खूब लुभाती है
जिन्दगी की तरह ही
कभी लगता अगले मोड़ पर है,
लेकिन सच मानो
सुकून तो खुरदूरी दिखने वाली
धरती की गोद पर है।
मंजिलें भी दर्द देती हैं
वो इंसान की नींद छीन लेती है
वो खूब लुभाती है
जिन्दगी की तरह ही
कभी लगता अगले मोड़ पर है,
लेकिन सच मानो
सुकून तो खुरदूरी दिखने वाली
धरती की गोद पर है।