Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

हर दिन माँ के लिए

माँ के लिए कोई विशेष दिन नही बन सकता
क्योंकि हमारा हर दिन माँ का ही तो दिया है।

माँ से ही तो बेटियों का मायका होता है ।
माँ से ही बेटियों का मान सम्मान होता है।

माँ ही बरगद की छाव जैसी होती है।
जो बेटियों को दुख में भी हिम्मत देती है।

हर सुख दुख को महसूस कर ले,
वो माँ होती है।

बच्चों के चेहरे को जो पढ़ ले,
वो माँ होती है।

खुद भूखी रह ले पर बच्चों को भोजन दे,
वो माँ होती है।

भले ही सारी दुनियाँ साथ छोड़ दें पर
गलती पर भी जो न छोड़े
वो माँ होती है।

खुशनसीब होते है वो लोग
जिनके साथ माँ होती है।।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा, उप

9 Likes · 2 Comments · 25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेटा राजदुलारा होता है?
बेटा राजदुलारा होता है?
Rekha khichi
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
पावस
पावस
लक्ष्मी सिंह
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
ललकार
ललकार
Shekhar Chandra Mitra
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
Atul "Krishn"
महत्वपूर्ण यह नहीं कि अक्सर लोगों को कहते सुना है कि रावण वि
महत्वपूर्ण यह नहीं कि अक्सर लोगों को कहते सुना है कि रावण वि
Jogendar singh
* संसार में *
* संसार में *
surenderpal vaidya
रावण की गर्जना व संदेश
रावण की गर्जना व संदेश
Ram Krishan Rastogi
पाँव
पाँव
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तुम चाहो तो मुझ से मेरी जिंदगी ले लो
तुम चाहो तो मुझ से मेरी जिंदगी ले लो
shabina. Naaz
पैगाम
पैगाम
Shashi kala vyas
वृक्षों की सेवा करो, मिलता पुन्य महान।
वृक्षों की सेवा करो, मिलता पुन्य महान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
रंग कैसे कैसे
रंग कैसे कैसे
Preeti Sharma Aseem
“पहाड़ी झरना”
“पहाड़ी झरना”
Awadhesh Kumar Singh
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
Dr fauzia Naseem shad
अब किसी की याद नहीं आती
अब किसी की याद नहीं आती
Harminder Kaur
अबके रंग लगाना है
अबके रंग लगाना है
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
"नारी जब माँ से काली बनी"
Ekta chitrangini
2434.पूर्णिका
2434.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
8. *माँ*
8. *माँ*
Dr Shweta sood
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
हाथ की लकीरें
हाथ की लकीरें
Mangilal 713
एक मुक्तक
एक मुक्तक
सतीश तिवारी 'सरस'
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
जिनके पास
जिनके पास
*प्रणय प्रभात*
Loading...