न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का।
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/ccae24fb09e5538b4df6a2dd7185ba72_faa4e64b8660fdb02e78f46967f009ee_600.jpg)
न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का।
खड़ी हो पैर पर अपने, प्रथम हो ध्येय नारी का।
जना ब्रह्मांड है जिसने, भला कमतर किसी से क्यों ?
करे जो मान नारी का, वही हो प्रेय नारी का।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद