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21 Feb 2021 · 1 min read

नशे में फिजा इस कदर हो गई।

122 122 122 12
नशे में फिजा इस कदर हो गई।
नजर देख लो खुद नजर हो गई।

बड़ा खुशनुमा हर नजारा लगे,
किया इश्क़ जब से असर हो गई।

मिला साथ तेरा बने हमसफ़र,
बड़ी खूबसूरत सफर हो गई।

मुलाकात अब रोज होने लगी,
शिकायत सभी को मगर हो गई।

निगाहें हमें खूब धोखा दिया,
जिधर देखतें तुम उधर हो गई।

चलो अब खुशी का जहाँ ढ़ूंढ़ ले,
इधर जो अभी थी किधर हो गई।

मिले प्यार से वो गले इस तरह,
अजी धड़कनों में कहर हो गई ।

करो प्यार से चंद बातें कभी ,
खुले होठ जब भी जहर हो गई ।

सजी ज़िन्दगी तुम मुझे जो मिली,
कहानी हमारी अमर हो गई।

-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

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