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21 Apr 2024 · 1 min read

ये चांद सा महबूब और,

ये चांद सा महबूब और,
तारों जैसी मौहब्बत,
वो टूटकर चाहना और,
ताउम्र किसी एक शख्स का मुरीद रहना,
ये सब अफवाह है ,
इससे ज्यादा कुछ भी नही..!
-शेखर सिंह

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